Monday, October 25, 2010

भुल हुई है ...

Sm1 बेखबर के दिल का हाल ...

झिँदगी जैसे थम सी गई है।

चलते चलते कहीँ रुक सी गई है।

कुछ ढुँढते ढुँढते कहीँ खो सी गई है।

तभी मेरी आँखे कुछ नम सी हुई है।

खुशीओ के झोकोने कुछ युँ बहेकाया मुझे ,

के आज पता चला है की खुशीयाँ मीली थी मुझे वह मानने की भुल सी हुई है ।

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